प्रार्थना
ऐ मालिक तेरे बंदे हम,
ऐसे हो हमारे करम,
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुये निकले दम॥1॥ऐ मालिक…….
बड़ा कमजोर है आदमी,
अभी लाखों है इसमें कमी
पर तू जो खड़ा, है दयालु बडा़,
तेरी कृपा से धरती थमी,
दिया तूने हमें जब जन्म,
तू ही झेलेगा हम सब के गम॥2॥
नेकी………………………….
ताकि……………………….
ऐ मालिक……………….
जब जुल्मों का हो सामना,
तब तू ही हमें थामना,
वो बुराई करें, हम भलाई भरें,
नहीं बदले की हो भावना,
बढ़ उठे प्यार का हर कदम,
और मिटे बैर का ये भरम॥3॥
नेकी………………………
ताकि…………………
ऐ मालिक तेरे बंदे हम…..
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कठिन शब्दार्थ
1.बदी= बुरा कार्य, बुराई
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